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अडानीवायरल खबर

छह महीनों में 58 फीसदी तक गिरावट ,सिर्फ अडानी ग्रुप नहीं, 36 कंपनियों में लगा है LIC का पैसा,

36 कंपनियों में लगा है LIC का पैसा, 

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अडानी ग्रुप में निवेश से होने वाले मुनाफे में कमी आई है.रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिक होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गोता लगा रहे हैं, जिसका नुकसान एलआईसी को भी उठाना पड़ रहा है

 

.एलआईसी न केवल भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है बल्कि भारतीय शेयर बाजारों में सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक भी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम हो रहे हैं, जिसकी मार एलआईसी पर भी पड़ी है. बीते कुछ दिनों में एलआईसी के शेयरों का वैल्यूएशन घटकर आधा रहा गया है. लेकिन सिर्फ अडानी की वजह से LIC को घाटा हो रहा हो, ऐसा नहीं. बल्कि ऐसी कुल 36 कंपनियां हैं.

मामले ने लिया राजनीतिक रूप

यह मुद्दा अब राजनीतिक रूप ले चुका है और संसद में लगातार इसे उठाया जा रहा है. विपक्षी सांसद अडानी ग्रुप में एलआईसी के निवेश करने के फैसले की जांच करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अडानी ग्रुप एकमात्र कंपनी नहीं है, जहां से एलआईसी के मुनाफे पर गाज गिरी है. ऐसी कई कंपनियां हैं, जिनमें बीते छह महीनों में एलआईसी के निवेश पर होने वाला मुनाफा घटा है.

ऐसी 36 कंपनियां हैं, जिनमें एलआईसी की हिस्सेदारी है और जिनके शेयरों की कीमत बीते छह महीनों में 20 फीसदी से अधिक घटी है. हालांकि, शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाहरी कारकों पर भी निर्भर कर सकता है. लेकिन बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस छोटी अवधि (छह दिन) में एलआईसी के निवेश को जज नहीं करना चाहिए क्योंकि एलआईसी एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर है और बीते कई सालों से वह कई नामी-गिरामी कंपनी में निवेश करता रहा है.

इस बीच ‘एस इक्विटी’ के डेटा से पता चला है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के साथ कई अन्य कंपनियों में एलआईसी के शेयर की वैल्यू बीते छह महीनों में 58 फीसदी तक घटी है. इनमें फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस, पिरामल एंटरप्राइजेज, ओमेक्स, इंडस टावर्स, लॉरस लैब्स, जेट एयरवेज (इंडिया), सनटेक रियल्टी, बॉम्बे डाइंग, जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर, अरबिंदो फार्मा और जेपी इन्फ्राटेक हैं.

एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स एंड इकोनॉमिक जोन और अडानी एंटरप्राइजेज में निवेश किया है. अगर बीते छह महीने की परफॉर्मेंस पर गौर करें तो एलआईसी के पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले शेयर अडानी ग्रुप की इन सभी कंपनियों के हैं. अडानी पोर्ट्स में एलआईसी की 9.14 फीसदी की हिस्सेदारी है जबकि अडानी टोटल गैस में 5.96 फीसदी, अडानी एंटरप्राइजेज में 4.23 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.65 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.28 फीसदी है.

एलआईसी की 10 सबसे बड़ी हिस्सेदारी आईडीबीआई (49.24 फीसदी), एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (45.24 फीसदी), स्टैंडर्ड बैटरीज (19.99 फीसदी), मोडेला वुलन्स (17.31 फीसदी), आईटीसी (15.29 फीसदी), एनएमडीसी (13.67 फीसदी), महानगर टेलीफोन निगम (13.25 फीसदी), ग्लोस्टर (12.85 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (12.50 फीसदी) और सिम्प्लेक्स रियल्टी (12.38 फीसदी) जैसी कंपनियों में हैं.

संयोग से इन 10 कंपनियों में से सात कंपनियों के शेयरों में बीते छह महीनों में मजबूती आई है. पांच कंपनियों के शेयर में भी दोहरे अंकों में बढ़त हासिल हुई है.

10 दिन में 30000 करोड़ उड़ गए

अडानी समूह के इन चार शेयरों में LIC ने लगभग 23,840 करोड़ रुपये का निवेश किया है. 2 फरवरी 2023 को बाजार कीमतों के आधार पर इस निवेश का मूल्य 27,200 करोड़ रुपये था. हालांकि अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी एंटरप्राइजेज को छोड़ दें तो LIC बाकी 2 फर्मों के शेयरों पर अभी भी मुनाफा कमा रही है, हालांकि बुधवार के मुकाबले उसका लाभ कम हुआ है.

वहीं अगर 24 जनवरी से तुलना करें, जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी तो अडानी के इन चार फर्मों में LIC के निवेश की कीमत 57166 करोड़ रुपये थी. यानी कि तब LIC को 33000 करोड़ का फायदा हो रहा था जो कि अब घटकर 3300 करोड़ रह गया है. इस तरह से इन चार शेयरों में एलआईसी द्वारा कई सालों में कमाए गए लगभग 30000 करोड़ रुपये मात्र 10 दिनों में उड़ गए.

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