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सीएम योगी का  बड़ा बयान। दोषियों को सजा मिलेगी, घटना की जिम्मेदारी जवाबदेही तय होगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे में घायल हुए लोगों से बागला संयुक्त चिकित्सालय में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना ।Big Breking हाथरस काण्ड में मृतकों की सूची जारी ।हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में लगभग 100 लोगों की मौत । प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदना व्यक्त की ।मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के दिए निर्देश।।भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संदर्भ में जागरूकता हेतु थाना पुरवा पर अखिलेश सिंह अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी की अध्यक्षता में संभ्रान्त व्यक्तियों के साथ गोष्ठी का आयोजन ।

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देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्राँत देश को समर्पित।

मेक इन इंडिया का प्रतिफल है विक्राँत-नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री

कोच्चि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ को देश को समर्पित किया ।

विक्रांत का अर्थ विजयी और वीर होता है. स्वदेशी विमानवाहक (आईएसी) की नींव अप्रैल 2005 में औपचारिक स्टील कटिंग द्वारा रखी गई थी।
विमान वाहक बनाने के लिए खास तरह के स्टील की जरूरत होती है जिसे वॉरशिप ग्रेड स्टील (डब्ल्यूजीएस) कहते हैं।
स्वदेशीकरण अभियान को आगे बढ़ाते हुए आईएसी के निर्माण के लिए आवश्यक वॉरशिप ग्रेड स्टील को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और भारतीय नौसेना के सहयोग से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के माध्यम से सफलतापूर्वक देश में बनाया गया था।

भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है।
पीएम मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा  कि आईएनएस विक्रांत  मेक इन इंडिया की जीत है।
विमान उतारने का परीक्षण नवंबर में शुरू होगा।जो 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मिग-29 के जेट विमान पहले कुछ वर्षों के लिए युद्धपोत से संचालित होंगे।
आईएनएस विक्रांत का सेवा में आना रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
जहाज निर्माण का पहला चरण अगस्त 2013 में जहाज के सफल प्रक्षेपण के साथ पूरा हुआ।
262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा आईएनएस विक्रांत 18 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है।

 

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