अशरफ पर मेहरबानीः जेल अफसरों को मिली बड़ी धनराशि, लटकी गिरफ्तारी की तलवार
लटकी गिरफ्तारी की तलवार
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प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में जांच में फंसे और कार्रवाई की जद में आए जेल अधिकारियों-कर्मचारियों के बैंक खातों और उपहारों की जांच शुरू कर दी गई है। एसआईटी को सूचना मिली है कि अशरफ और उसके गुर्गे इन लोगों को रकम देकर उपकृत करते थे।
इसकी पुष्टि होने के बाद इन अधिकारियों-कर्मचारियों का जेल जाना तय है।
डीआईजी जेल की जांच में जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, जेलर राजीव कुमार मिश्र, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह व कुष्ण मुरारी गुप्ता और बंदी रक्षक शिवहरि अवस्थी, मनोज गौड़, ब्रजवीर सिंह, दानिश मेहंदी और दलपत सिंह को दोषी पाकर डीजी जेल आनंद कुमार को रिपोर्ट सौंपी थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला व डिप्टी जेलर कृष्ण मुरारी गुप्ता को छोड़कर बाकी सभी को सस्पेंड कर दिया गया। इन दोनों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।
वहीं, दूसरी ओर अशरफ से अवैध रूप से मुलाकात कराने को लेकर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसमें अज्ञात जेल अधिकारी व कर्मचारियों को भी आरोपी बनाया गया है। इसमें इन लोगों पर अशरफ से रकम व उपहार लेने का आरोप है। अब इसकी पुष्टि को लेकर एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।
मंगलवार को भी जेल पहुंची एसआईटी
एसआईटी की टीम मंगलवार को भी जेल पहुंची। अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की पुष्टि के लिए टीम ने उनके व परिवार वालों के बैंक खाते की डिटेल जुटाई है। इसमें होने वाले लेनदेन के बारे में इन लोगों को स्पष्टीकरण देना होगा। इसके बाद इन लोगों के घरों में मौजूद कीमतों उपहारों के बारे में जांच पड़ताल की जाएगी।
एसआईटी के मुख्य जांच अधिकारी आशीष प्रताप सिंह का कहना है कि जेल के अधिकारियों-कर्मचारियों के बैंक खातों में लेनदेन की एसआईटी जांच कर रही है। उनके बैंक खातों की जानकारी मिल गई है। भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर दोषियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा।
पुलिस के रडार पर प्रयागराज की 500 कार
जनवरी व फरवरी में बरेली और आसपास के इलाकों में आने-जाने वाली प्रयागराज की 500 कार और उनके मालिक पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस इन लोगों के बारे में और यहां आने-जाने के कारण की तलाश कर रही है। इसके लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। साथ ही इनका डाटा प्रयागराज पुलिस से भी शेयर किया गया है।
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड से बरेली जेल का कनेक्शन जुड़ने के बाद पुलिस हर बिंदु पर गहराई से जांच पड़ताल कर रही है। इसको लेकर पुलिस ने जनवरी और फरवरी में बरेली व आसपास के इलाकों में आने-जाने वाली गाड़ियों का डाटा जुटाया है। इसके लिए बरेली-लखनऊ रूट पर सीतापुर, बरेली-दिल्ली रूट पर फतेहगंज पश्चिमी और बरेली-उत्तराखंड रूट पर भोजीपुरा टोल प्लाजा से जानकारी की गई है।
इसमें इन दो महीने में प्रयागराज की करीब पांच सौ गाड़ियों के बरेली व आसपास के इलाके में आने की जानकारी मिली है। इन गाड़ियों का इनपुट प्रयागराज पुलिस से शेयर करके इनके बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस जांच में गाड़ी में आने वाले व्यक्तियों और आने के कारण के बारे में खासतौर पर जानकारी की जा रही है।
एसपी सिटी राहुल भाटी के अनुसार तीन टोल प्लाजा की जांच में प्रयागराज की करीब पांच सौ गाड़ियों का डाटा मिला है। टीमों को लगाकर इनमें आने-जाने वाले लोगों के बारे में उनके आने के कारण की जांच की जा रही है।