हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में लगभग 100 लोगों की मौत । प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदना व्यक्त की ।मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के दिए निर्देश।।
मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश।
सत्संग के दौरान भगदड़ से अब तक 100 लोग मारे जा चुके हैं ।
जिनके लाशें एटा जिला हॉस्पिटल पहुंची है।
राजेश कुमार सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इसकी पुष्टि कर दी है।
मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
मरने वालों की संख्या बढ़ सकती हैं घटना दोपहर के पहले की है लेकिन लखनऊ में ट्रांसफर पोस्टिंग में ब्यस्त डीजीपी मुख्यालय को इसकी भनक काफी बाद में लगी।
हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने जताया दुःख, होगी गहन जांच।
मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश।
मुख्यमंत्री स्वयं रख रहे पल-पल के घटनाक्रम पर सीधी नजर, दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मुख्यमंत्री ने मौके पर भेजा।
एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश।
कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध होगी एफआईआर, बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है शासन।
कौन है नारायण साकार हरि, जिनके सत्संग में हुआ है हादसा
एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं।
नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं। इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है।
पुलिस की नौकरी से VRS के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ… ऐसा है स्वयंभू संत भोले बाबा का दावा।
स्वयंभू संत भोले बाबा खुद को लेकर कई दावे करते हैं।
बकौल बाबा, वो कासगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस में 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया था।
वीआरएस के बाद उन्हें भगवान से साक्षात्कार हुआ।
इसके बाद उनका झुकाव अध्यात्म की ओर हुआ।यूपी के हाथरस में दिल को झकझोर देने वाला हादसा हुआ है।
सिकंदरा राऊ के फुलरई गांव में स्वयंभू संत भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था।
कई राज्यों के हजारों लोग इसमें पहुंचे थेI सत्संग खत्म हुआ तो भीषण उमस और गर्मी से बेहाल लोग वहां से जाने लगे।
निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे निकलने लगेI इस बीच जो लोग जमीन पर गिरे, उनको रौंदते हुए लोग निकलते जा रहे थे।अभी तक 100 लोगों की मौत की जानकारी आई है।ये आकंड़ा बढ़ सकता है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।