जनपद न्यायाधीश द्वारा 9 मार्च को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन ।।
9 मार्च को होनी है राष्ट्रीय लोक अदालत।
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उन्नाव
माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष द्वारा
राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 09.03.2024 हेतु समीक्षा बैठक आहूत की गई ।
माननीय उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव के निर्देशों के अनुपालन में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 09.03.2024 के आयोजन में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण सुनिश्चित कराने हेतु आज दिनांक 07.03.2024 समय सायं 04:30 बजे श्री मनीष निगम अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उन्नाव द्वारा केन्द्रीय सभागार में एक बैठक आहूत की गयी।
जिसकी अध्यक्षता माननीया जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती प्रतिमा श्रीवास्तव द्वारा की गयी जिसमें श्री अनिल कुमार सेठ, अपर जिला जज/नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत उपस्थित रहे।
उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व),अपर पुलिस अधीक्षक, तहसीलदार बीघापुर, तहसीलदार हसनगंज, बिजली विभाग के पदाधिकारी, फाइनेंस कम्पनी के पदाधिकारी व अधिवक्तागण एवं एल.डी.एम एवं बैंक के पदाधिकारीगण व बी.एस.एन.एल के पदाधिकारी, प्रभारी सम्मन सेल, जिला सूचना अधिकारी उपस्थित रहें।
![9 मार्च को होने वाली लोक अदालत को लेकर जिला जज और जिलाधिकारी ने की समीक्षा ।@tvbharatvarsh715](https://i.ytimg.com/vi/pkuFNxrwG1c/maxresdefault.jpg)
जिला जज द्वारा बैठक में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाये जाने के बारे में उपस्थित पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया।
तथा लोक अदालत के बारे में बताते हुए कहा कि लोक अदालत के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विवादों को सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारण कराये जाने के लिये वैकल्पिक मंच प्रदान करना है।
लोक अदालत में उत्तराधिकार से सम्बन्धित सिविल वाद, राजस्व सम्बन्धी वाद, श्रम सम्बन्धी वाद, भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी मामले, आपदा राहत वाद, आयकर वाद, यातायात चालानी वाद, बैंक ऋण वसूली से सम्बंधित वाद, प्री-लिटिगेशन वाद, बैंक रिकवरी, एन0आई0एक्ट, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, पारिवारिक एवं वैवाहिक मामले, नगर निगम/ नगर पालिका अधिनियम, उपभोक्ता फोरम वाद से सम्बन्धि मामले, विद्युत एवं जल कर से सम्बन्धित मामले तथा सभी प्रकार के शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामलो का निस्तारण अन्तिम रूप से कराया जा सकता है जिसके विरूद्ध कोई अपील योजित नही होती है तथा लोक अदालत के माध्यम से वादों का शीघ्र निस्तारण हो जाता है।
जिससे आम जनमानस को सस्ता व सुलभ न्याय प्राप्त होता है। और यही लोक अदालत के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हैं। बैठक में उपस्थित समस्त पदाधिकारियों को आगामी लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराकर राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु अपना योगदान प्रदान करने हेतु कहा गया तथा प्रभारी सम्मन सेल को अधिक से अधिक नोटिसों की तमिला किये जाने को निर्देशित किया गया।