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सीएम योगी का  बड़ा बयान। दोषियों को सजा मिलेगी, घटना की जिम्मेदारी जवाबदेही तय होगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे में घायल हुए लोगों से बागला संयुक्त चिकित्सालय में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना ।Big Breking हाथरस काण्ड में मृतकों की सूची जारी ।हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में लगभग 100 लोगों की मौत । प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदना व्यक्त की ।मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के दिए निर्देश।।भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संदर्भ में जागरूकता हेतु थाना पुरवा पर अखिलेश सिंह अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी की अध्यक्षता में संभ्रान्त व्यक्तियों के साथ गोष्ठी का आयोजन ।

देश / विदेश

पहली बार भारत के राष्ट्रपति पद पर होगा आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व

द्रौपदी मुर्मू होंगी देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति ?

नई दिल्ली 

भारत के इतिहास में पहली बार किसी आदिवासी को देश के सुप्रीम पद के लिये उम्मीदवार घोषित किया गया जिसके कारण देश के विपक्ष की सभी रणनीतियाँ धरी की धरी रह गई।

जिस प्रकार एन डी ए उम्मीदवार की घोषणा के पहले विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाकर भारतीय जनता पार्टी को घेरने का प्रयास किया था वह द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी समाज से लाकर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के  विजन और दूरदर्शी सोंच के कारण मोदी के विजय अभियान को रोंकने में असहाय दिखे ।

द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय 

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून  1958 को ओडिशा के मयूरभंग जिले के बैदापोसी गाँव में एक संथाल परिवार में हुआ था ।उनके पिता का नाम वीरन्चि नारायण टूड़ू था ।द्रौपदी मुर्मू के पिता व दादा जी दोनो ही ग्राम प्रधान भी रहे।इनकी शादी श्यामचरण मुर्मू के साथ हुई।इनके दो पुत्र व एक पुत्री हुई ।दुर्भाग्यवस इनके पति व पुत्रों की असमय अकाल मृत्यु हो गई थी ।इनके एक पुत्री है जिसकी शादी के बाद वह भुवनेश्वर में रहती  है।इन्होने अपना जीवन एक अध्यापिका के रुप में शुरू किया ।फिर धीरे धीरे वह राजनीति में आ गई।

द्रौपदी मुर्मू का राजनैतिक परिचय 

द्रौपदी मुर्मू ने पहला चुनाव 1997 में राइरंगपुर नगर पंचायत में पार्षद चुनाव जीतकर अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत की ।द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रही ।सन 2000 व 2009 में दो बार विधायक भी रही तथा पहली बार आदिवासी महिला राज्यपाल होने का गौरव भी इन्हे ही मिला।ओडिशा में 2000से 2004 तक पहले परिवहन मंत्री फिर मत्स्य विभाग की मंत्री बनी।सन 2015 में पहली बार झारखण्ड की राज्यपाल बनाई गई।

द्रौपदी मुर्मू ने मायावती और ममता बनर्जी से सशक्त महिला होने का गौरव प्राप्त किया है।

द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी समाज से भारत के सर्वोच्च पद पर विराजमान होना स्वस्थ लोक्ततंत्र की विचारधारा को बलवती करता है ।और पंडित दीनदयाल  उपाध्याय की समाज के अन्तिम ब्यक्ति तक मौलिक अधिकार व विकास को पहुंचाने की विचारधारा को परिभाषित करता है और प्रमाणित करता है

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