Breaking News
सीएम योगी का  बड़ा बयान। दोषियों को सजा मिलेगी, घटना की जिम्मेदारी जवाबदेही तय होगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे में घायल हुए लोगों से बागला संयुक्त चिकित्सालय में भेंट कर उनका कुशल-क्षेम जाना ।Big Breking हाथरस काण्ड में मृतकों की सूची जारी ।हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में लगभग 100 लोगों की मौत । प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवेदना व्यक्त की ।मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के दिए निर्देश।।भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संदर्भ में जागरूकता हेतु थाना पुरवा पर अखिलेश सिंह अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी की अध्यक्षता में संभ्रान्त व्यक्तियों के साथ गोष्ठी का आयोजन ।

CbiUnnaoउत्तर प्रदेश सरकारउत्तरप्रदेश

उन्नाव के अजेय अजीत सिंह की रहस्यमयी मौत का कब खुलेगा रहस्य?

अजीत सिंह के हत्यारों का पर्दाफाश ही सच्ची श्रद्धांजलि

उन्नाव    किसी ने सोंचा नही था कि   4 सितम्बर 2004  की मनहूस रात उन्नाव के  अजेय अजीत सिंह की अन्तिम रात होगी।

 किसी ने सोंचा नही था की सैकडों असलहाधारी सुरक्षाकर्मियों के साथ चलने वाला इस दुनिया से इस तरह विदा हो जायेगा?
जिस अजीत सिंह की उन्नाव लखनऊ में तूती बोलती थी बड़े बड़े अधिकारी नेता थर थर कांपते थे उस अजीत सिंह की मौत की पटकथा लिखने वालों ने उन्नाव के इस नेता को इस दुनिया से विदा कर दिया।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे अजीत सिंह ने भारतीय जनता पार्टी को छोंड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाईन की थी 2004 का लोकसभा का चुनाव था अजीत सिंह पहले भाजपा से सांसद पद का टिकट मांग रहे थे फिर भाजपा से देवीबक्स सिंह को मिल जाने से सपा में चले गये।चूँकि अजीत सिंह का उन्नाव और लखनऊ दोनो जिलो ने दबदबा था और mlc पद को पहली बार लोंगों ने अजीत सिंह के जमाने में महसूस  किया था ठीक से जाना था।समाजवादी पार्टी में जाने के बाद अपने आपको उसके तौर तरीकों में ढाल ही रहे थे कि 2004 की 4 सितम्बर की रात उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे  ताकतवर लोगों ने जो अजीत सिंह को हजम नहीं कर पा रहे थे ने अजीत सिंह की हत्या की पटकथा लिख दी। ब्यवस्था ऐसी की कि शासन और प्रशासन भी कुछ नहीं कर पाया।

 

 

कुछ ऐसे सवाल है जिनका जबाब आज तक नहीं मिल पाया है।
 4 सितम्बर 2004 की रात 12 बजे गोली लगती है कोतवाली उन्नाव में अरविंद कुमार द्वारा अपराध संख्या 1135/2004 धारा 147,148,149,306 ipc के तहत रमेश कालिया सहित एक पूर्व बाहुबली विधायक सहित तीन अज्ञात लोगों के नाम मुकदमा 5 सितम्बर को लिखा गया ।उसके बाद इसी दिन इसी मुकदमें मे 302 की धारा तरमीम की गई ।इस घटना में नामजद अभियुक्तों को मौके पर आकर गोली मारते हुये दिखाया गया ।8/9/2004 को इस मुकदमें की जांच सी बी सी आई डी को चली गई ।सी बी सी आई डी द्वारा गठित टीम में उप पुलिस अधीक्षक परेश पांडेय उप पुलिस अधीक्षक श्री रामपपाटिल के नेत्रत्व में जांच शुरु की गई।

 

सी बी सी आई डी की जांच में गवाहों के बयानों के आधार पर fir को नकार दिया गया।और तो और उल्टे अजीत सिंह के गनर रहे संजय द्विवेदी के खिलाफ धारा 304 ipc  में चार्जशीट भेज दी गई।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 5 उन्नाव में हुये ट्रायल के दौरान भी न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता के द्वारा 11/04/2007को आरोपी संजय द्विवेदी को भी दोषमुक्त करार दिया गया ।

पूरे घटना क्रम में इतनी बड़ी घटना परन्तु एक भी ब्यक्ति को न सजा हुई और न ही कुछ बड़ी कार्यवाही जो तत्कालीन ताकतवर सत्तासीन और साजिश में शामिल लोंगों की पहुंच को ही दर्शाते है।

समाजवादी पार्टी मे होने के बाद भी सरकार ने सी बी आई जांच की संतुति क्यों नहीं की?

आखिर कौन लोग थे जिन्हे सरकार बचाना चाह रही थी?

आखिर कौन था मास्टरमाईंड जिसके इशारे पर सब हुआ?

आखिर कौन था जिसको अजीत सिंह हजम नहीं हो रहे थे?

आज उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है। केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार है ।और उन्नाव जनपद की प्रथम नागरिक शकुन सिंह है जो की अजीत सिंह की पत्नी है क्या अभी हो सकती  है cbi जांच?

क्या कभी खूल पायेगा अजीत सिंह की हत्या का रहस्य?

 

 

 

 

 

Tv Bharatvarsh

Related Articles

Back to top button